Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -02-Jul-2023... एक दूजे के वास्ते... (11)

राहुल के जाते ही रश्मि पैकिंग करने लगी। 

फिर सफर के लिए खाना बनाने लगी। 
घर का बाकी सारा काम भी निपटा कर वो ट्युशन क्लासेस के बच्चों के घर गई, सबको ये बताने की कल से क्लासेस राहुल के घर पड़ होगी क्योंकि वो बाहर जा रही है। ट्युशन क्लासेस की बकाया फीस भी सभी पेरेन्ट्स से लेकर आई। 

घर आते ही उसके पापा ने बुलाया ओर रश्मि से पुछा-: बैंक से कितनी रकम निकलवा कर आई है....? 
मुझे अभी तक बताया क्यों नहीं। जा जाकर बैंक की पास- बुक , रिसिप्ट और पैसे लेकर आ। 


जी पापा। अभी लाई। 


रश्मि अपने बैग में से रकम और कबड्ड में से पास-बुक और रिसिप्ट लेकर आई। 
बाहर आकर उसने सब अपने पापा को दे दिया। 


सब देख कर बोले बस 30 हज़ार  इसमें क्या होगा......। बैंक में तो 38  हज़ार हैं....। बाकी पैसे क्या हमारे मरने के लिए रखें है या अपनी मटरगस्ती के लिए....। 


पापा मैं अभी सब से ट्युशन क्लासेस के पैसे भी लेकर आई हूं, 8 हजार ये भी है।  राहुल ने कहा था इतने में हो जाएगा। फिर भी अगर वहां जरूरत हुई तो मैं राहुल से कहकर  आनलाइन ट्रांसफर करवा दुंगी पापा। आप टेंशन मत किजिए वहां सब ठीक ही होगा। 



ठीक है। लेकिन वहां पैसों को लेकर कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिए समझी....। ये पास बुक मैं अपने पास ही रख रहा हूं। 


ठीक है पापा। 


ओर सुन तेरे पास ....तेरी जो भी ज्वेलरी या  रकम हो उसे तेरी मम्मी के कबड्ड में रख दे, मैं अकेला कहां कहां ध्यान रखुंगा....। 


ठीक है पापा। अभी रख देती हूँ....। 


इतना कहकर रश्मि अपने कमरे में गई ओर वहां से अपनी दो कानो की रिंग, एक अंगुठी और एक पायल लाकर अपनी मम्मी के कबड्ड में रख दी....। तब तक ट्युशन क्लासेस के बच्चे भी आ गए थे। रश्मि उनको पढ़ाने अपने कमरे में चली गई। 
क्लासेस खत्म होने के बाद वो किचन में गई ओर चाय बनाने लगी अपने मम्मी पापा के लिए। 

उनको चाय देकर वो अपने पापा से बोली- : पापा में थोड़ी देर मन्दिर से होकर आती हूंँ। 

रश्मि पहले अलका के घर गई और उसको साथ लेकर मंदिर चली गई। 

मंदिर में दर्शन करके वो मन्दिर की सिढ़ियो पर बैठ गई। 

रश्मि-तेरी पैकिंग हो गई? 


अलका-हां.....। तेरी? 


रश्मि -हां।  अलका मुझे तुझसे कुछ बात करनी है। 


देख अगर तू दिल्ली के मामले में फिर से कुछ बोलने वाली है तो... 


रश्मि बीच में बोलते हुए... नहीं वो बात नहीं है। बात कुछ ओर है। कुछ दिनों से मुझे एक अजीब सी बैचेनी हो रही है। कुछ बहुत अजीब फील हो रहा हैं.....। मैं ठीक से सो भी नहीं पाती....। बहुत बार सोचा तुझसे बात करुं..... पर बहुत घबराहट सी होतीं हैं....। 


 कैसी बैचेनी रश्मि.....। क्या बात है, खुल कर बता। 


अलका .......पता नहीं क्यूँ पर.....वो .....जब भी मेरे पास आता है, तो पता नहीं मुझे क्या हो जाता है। 


वो कौन रश्मि?? 


रश्मि उसका नाम बताने ही वाली थी कि राहुल वहां आ गया। 

राहुल को देख कर रश्मि चुप हो गई। 


क्या हुआ रश्मि, बता ना वो कौन...। 


बाद में बताउंगी......। 
राहुल तुम यहां अचानक.....! 


राहुल-: मैं तो अलका के घर गया था वहां से पता चला तुम दोनों यहां हो तो आ गया। अभी थोड़ी देर में तो तुम दोनों चली जाओगी, सोचा तुम से मिल लूं। वैसे रश्मि मुझे तुझसे कुछ बात भी करनी थीं। मैं अभी खास इसलिए ही आया हूँ....। 


हां बोलो। क्या बात है.....! 


राहुल ने अलका की तरफ़ देखा तो अलका समझ गई। 
वो उठी ओर बोली.. :- तुम दोनों यहां बैठ कर बातें करो मैं तो चली पेट पुजा करने.....। 
अलका जाते जाते राहुल के कानों में धीरे से बोलकर गई... बेस्ट आफ लक राहुल....। आज सब बोल देना क्योंकि आग उस तरफ़ भी लग चुकी हैं....। 

राहुल ये सुन कर मुस्कुराने लगा....। 
अलका के जाते ही रश्मि बोली :- इसको अचानक से क्या हो गया.....बिना मुझे साथ लिए ही चली गई। 
वापस आने दो फिर देखती हूँ। अच्छा राहुल तुम बताओ क्या बात करनी है.....? 



रश्मि वो जो भी है, बस मुझसे वादा करो कि इस बात की वजह से हमारी दोस्ती कभी नहीं टुटेगी.....। 


ऐसी क्या बात है राहुल........बोलो.....। 


 रश्मि पहले मुझसे वादा करो प्लीज। 
तुम्हारा जो भी डिसीजन होगा मैं हमेशा उसका सम्मान करूँगा, बस ये दोस्ती कभी मत तोड़ना......। 



ठीक है राहुल वादा किया.....। अब बताओ क्या बात है। 


 रश्मि वो मैं तुम....... तुम...... से..... 
 
राहुल ने इतना बोला ही था कि रश्मि को उसकी मम्मी का कॉल आया......। 

 राहुल एक मिनट घर से फोन हैं.....। 


रश्मि ने फोन उठाया तो दुसरी ओर से उसकी मम्मी बोली..:- मन्दिर का बोल के कहाँ गुलछर्रे उड़ाने गई है, कितनी देर हो गई है, घर आना है या वही पर अपने उन दोस्तों के साथ घर बसाना है। तुझे क्या लगता हैं हम अंधे हैं..... हमें कुछ पता नहीं चलता...। अभी का अभी घर आ....। 



जी.....जी....आ रही हुं मम्मी। इतना बोलकर उसने फोन रख दिया और उसकी आंखे भर आई। वो अपने आंसू छिपाते हुए बोली :- बोलो राहुल क्या बात है।तुम कुछ कह रहे थे....! 


राहुल उसको ऐसे देख कर कुछ बोल ही नहीं पाया। 

रश्मि ने फिर से पुछा बोलो.. राहुल...। 


कुछ नहीं रश्मि तुम दिल्ली से होकर आओ फिर बात करते हैं। बस वहां अपना ख्याल रखना। 
इतना बोल कर  राहुल वहां से चला गया। 


राहुल के इस तरह चले जाने पर रश्मि कुछ समझ नहीं पाई और वो घर जाने के लिए उठी तो इतने में अलका भी वहां आ गई...। 

अलका ने देखा तो रश्मि की आंखों से आंसू भरे हुए थे....। उसे लगा राहुल ने अपने दिल की बात उससे कह दी हैं.....। 

अलका-क्या हुआ रश्मि....! सब ठीक तो हैं ना..... राहुल क्या कह रहा था....!! 

उसका दिमाग खराब हो गया हैं....। पागल हो गया हैं वो...। 
अभी जल्दी घर चल अभी मम्मी का फोन आया है। 


अलका मन ही मन खुश होते हुए बोली .....थैंक्यु बाबा जी आज तो मैं भी आपको मान गई.....। पहले रश्मि के दिल में फिलिंग, ओर आज फाइनली राहुल में भी हिम्मत आ गई....। रश्मि की ये हड़बड़ाहट देख कर लगता हैं.....दोनों तरफ़ बात हो चुकी हैं....।तुसी ग्रेट हो.....बाबा जी.....आज आपने दो प्यार करने वालों को मिला ही दिया.....।बस अब इन दोनों को हमेशा ऐसे ही खुश रखना....। 

वो मुस्कुराती हुई रश्मि के हाथों में अपना हाथ डाल कर घर की ओर चल दी। 


# कहानीकार प्रतियोगिता के लिए....... 



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क्या अलका को सच पता चलेगा....!! 
क्या होगा जब रश्मि उसे रोहित के बारे में बताएगी...!! 
जानने के लिए अगले भाग का इंतजार करें....।



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4 Comments

RISHITA

02-Sep-2023 09:42 AM

Very good

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madhura

01-Sep-2023 10:43 AM

Very nice

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Anjali korde

29-Aug-2023 11:02 AM

Very nice

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